बिहार लघु उधोग योजना 2-2 लाख रुपया: यदि आप बिहार राज्य के निवासी हैं और गरीब परिवार से आते हैं तो बिहार सरकार के तरफ से स्वरोजगार के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू किया जाएगा | तो इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक पढ़कर आप दो-दो लाख रुपए के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी ले सकते हैं |
इस योजना का लाभ बिहार राज्य सरकार के द्वारा दिया जाएगा | बिहार सरकार के तरफ से अगले 5 वर्षों में गरीब परिवारों पर ढाई लाख करोड रुपए खर्च करेगी सरकार नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान |
बिहार लघु उधोग योजना 2-2 लाख रुपया: राज्य में गरीब परिवारों को रोजगार के लिए दो-दो लाख रुपया देने वाले योजना लागू हो गई है इसका फायदा बिहार के 94 लाख 33 हजार 12 गरीब परिवारों को होगा | अगले 5 वर्षों में इन सभी परिवारों को योजना के लाभ देने के लक्ष्य जल्द ही इस संबंध में ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे |
Note:-
6000 तक आय वाले परिवारों को स्वरोजगार के लिए 2 लाख
आर्थिक सर्वे के आधार पर राज्य सरकार ने उन परिवारों को गरीब माना है जिनकी मासिक आय ₹6000 से कम है |
मुख्यमंत्री ने घोषणा भी की 6000 तक आय वाले 94 लाख से अधिक परिवारों को स्वरोजगार के लिए सरकार 2 लाख रुपया देगी | 67 हजार से अधिक भूमिहीन परिवारों को जमीन के लिए प्रति परिवार 60 हजार के बदले एक लाख रुपया देगी इस प्रस्ताव पर भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत दी इन पर ढाई लाख करोड रुपए खर्च होंगे इसे 5 साल में पूरा किया जाएगा | गरीबी उन्मूलन के कई और उपायों की उन्होंने घोषणा की जीविका दिदिया अब शहरों में भी काम करेगी शहरी क्षेत्र में इनकी संख्या डेढ़ लाख होगी सतत जीविकोपार्जन योजना में दी जाने वाली राशि एक से बढ़कर 2 लाख कर दी जाएगी इन प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत दे दी है |
बिहार लघु उधोग योजना 2-2 लाख रुपया: Selection Porcess
बिहार लघु उधोग योजना 2-2 लाख रुपया: लाभुका का चयन उद्योग विभाग की ओर से कंप्यूटर लॉटरी के जरिए होगा | कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विभाग ने इस संबंधों में संकल्प जारी कर दिया है आवेदन चयन और आवंटन आदि के संबंध में उद्योग विभाग मार्गदर्शिका तैयार कर रहा है इसका फायदा सभी वर्ग के गरीब परिवारों को मिलेगा |
जातीय सर्वे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इसकी घोषणा की थी इसके बाद 7 नवंबर को कैबिनेट ने भी इसे स्वीकृत कर दिया | संकल्प जारी करने के बाद उद्योग विभाग ने गरीब परिवारों को एक-एक व्यक्ति को दो-दो लाख रुपए देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है |
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बिहार लघु उद्योग योजना का संकल्प जारी
- इस संबंध में जल्द शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन
- उद्योग विभाग तैयार कर रहा है मार्गदर्शीका
किस कोटि में कितने गरीब परिवार: जिन्हे मिलेगा 2-2 लाख
कोटी | गरीब परिवार |
सामान्य वर्ग | 10,85,913 |
पिछड़ा वर्ग | 24,77,970 |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग | 33,19,509 |
अनुसूचित जाति | 23,49,11 |
अनुसूचित जनजाति | 2,00,809 |
सभी वर्ग को होगा फायदा: बिहार लघु उद्योग योजना का लाभ सभी वर्ग के लोगों को मिलेगा राज्य के समान वर्ग के कुल परिवार में से 25.09% पिछड़ा वर्ग में 33.16% अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 % एससी 42.9% व एसटी में से 42.70 फ़ीसदी गरीब परिवार है
उद्यम स्थापित करेंगे: गरीब परिवार का एक व्यक्ति इस राशि से उद्यम स्थापित कर रोजगार प्राप्त करेगा स्वरोजगार एवं विकास योजना के लिए अन्य सरकारी विभागों में चल रही कल्याणकारी योजना को भी इसमें शामिल किया जाएगा
5 वर्ष में सभी गरीबों को मदद: जातीय सर्वे में पता चला कि सुबे के 34. 14 परिवार को मासिक आय 6000 से कम है बिहार में कुल परिवार को 2 करोड़ 76 लाख 28 हजार 995 है इसमें 94 लाख 33 हजार 312 इस श्रेणी में है इन्हीं परिवारों को मदद दी जाएगी अगले 5 वर्ष में इन परिवारों को एक-एक व्यक्ति को दो-दो लाख देने का लक्ष्य है |
आपको बता दे की बिहार सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपया दिया जाएगा जो बिहार के निवासी होंगे और गरीब परिवार से आते होंगे उन्हीं को पैसा दिया जाएगा | नीतीश कुमार का कहना है कि बिहार में 94 लाख गरीब परिवार है जिनके घरों में किसी प्रकार का रोजगार नहीं है तो उन्हें दो-दो लाख रुपया गरीब परिवारों को बिहार राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा| और किसी भी प्रकार से इस पैसा को वापस नहीं देना होगा यह सरकार का कहना है |
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इसमें राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख देने के अलावा जमीन के लिए आवासहीन हैं परिवारों को घर बनाने के लिए ₹40000 अधिक देने की योजना शामिल है प्रदेश में 2 करोड़ 76 लाख परिवार है इनमें से 59.13 फ़ीसदी के पक्का मकान है जबकि 39 लाख परिवार झोपड़ी में रहते हैं| 63 हजार 850 परिवार आवासहीन है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में घोषणा की उन्होंने कहा कि हर साल 50-50 करोड़ रूपया खर्च करने की सरकार के तरफ से योजना बनाई गई है उन्होंने इसके लिए केंद्र से भी मदद मांगी है और कहां की वह यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दे तो बिहार यह काम दो से ढाई वर्षो में कर सकता है |
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि देश में पहली बार जाति आधारित गणना में आर्थिक सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति से अवगत किया गया है जाति आधारित गणना की रिपोर्ट से यह प्रमाणित होता है कि राज्य सरकार की कार्यों का हर क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ा खासकर महिला उत्थान में काफी काम हुआ महिला साक्षरता में वृद्धि इसके प्रमाणित करके वर्ष 2011 से साक्षरता दर 61.8 फ़ीसदी था जो अब 79.70 फ़ीसदी हो गया है महिला साक्षरता 51.5 फ़ीसदी से बट करती 73.91 फ़ीसदी पर पहुंच गया है
1990 से हमारा प्रयाश जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे तो इस पर 1990 से ही काम कर रहे है पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उन्हें एक घंटा तक इस मुद्दे पर समझाया था उसके बाद वह अपने नेता मधु लिमये से मिले वहां पर तत्कालीन वित्त मंत्री मधु दंडवते से मुलाकात है सबने सहमति व्यक्त की तब प्रधानमंत्री बीपी सिंह से बात की गई उन्होंने बताया कि जनगणना का काम आगे बढ़ गया है लिहाजा कुछ नहीं हो सकता इसके बाद भी मेरा अभियान थमा नहीं
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